The Fact About Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana That No One Is Suggesting



इसे repeat करते हुए नया भाव जोड़ें – “मैं सुरक्षित हूं”

जैसे ही हमारे दिमाग से शरीर को संकेत मिलता है की कुछ खतरा हो सकता है तो शरीर अपनी अलग प्रतिक्रियाएं देता है.

स्कूलों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम

आपने देखा होगा की नशा करने वाले लोग सिर्फ नशा करने के बाद ही खुलकर बोलने की हिम्मत कर पाते हैं.

देखिये आपने एक बात तो सुनी ही होगी की हर व्यक्ति में असीम शक्तियां होती हैं, बस उन्हें पहचानने की जरुरत होती है.

इस तरह के विचार मन में पनप रहे होते हैं जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता, यह सब हमारे अपने मन का खेल है जिसके चुंगल में हममें से अधिकतर लोग फंस जाते हैं

यहाँ हमारे कहने का मतलब ये नहीं है की आप शेर के सामने जाकर खड़े हो जाइए. हम ये कहना चाहते हैं की जिस तरह की परिस्थितयों से आपको डर लगता है, जहाँ जाने से आपको डर लगता है, जो काम करने से आपको डर लगता है, जिसके सामने जाने से आपको डर लगता है,वहां जाना शुरू कीजिये.

ज्यादातर लोगों को किसी घटना से पहले डर लगता है, लेकिन स्थिति के बीच में कोई डर नहीं लगता। याद रखें कि डर आपकी इंद्रियों को बढ़ा देता है, जिससे आपके पास कुशलतापूर्वक और साहसपूर्वक प्रदर्शन करने की क्षमता आ जाती है।

डर के प्रकार – जानिए कौन-से डर आपको रोकते हैं

हममें से बहुतों के लिए नए करियर की शुरुआत करना, नए रिलेशनशिप या कड़ी मेहनत से कमाए पैसे खर्च करने में कुछ मात्रा में एंजायटी होती है। जहां हमें सोने में दिक्कतें आने लगती है, मन एकाग्र चित्त नहीं हो पाता है, बार-बार एक ही चीज हमारे मस्तिष्क में घूम रहा होता है इन सभी get more info के होने का एक ही कारण है – “हमारे विचार”

“मैं हर परिस्थिति में शांत और आत्म-विश्वासी हूँ।”

अब जो आदमी सालों से अपने घर में दुबक कर बैठा है, जो कभी भी डर के पास ही नहीं गया या जिसने कभी भी कोई ऐसा काम करने की हिम्मत ही नहीं जुटाई, वो कैसे निर्भीक रह सकता है?

डर के प्रकार – जानिए कौन-से डर आपको रोकते हैं

कुछ अनिश्चित होने का डर, फेलियर का डर, सभी तरह के डर एक ही जगह से आते हैं – “हमारे लिमिटिग बिलिफ” जों हमें डर के आगे सोचने से रोकता हैं।

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